थोक महंगाई दर (WPI Inflation) में राहत मिली है और यह तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।

0

थोक महंगाई दर (WPI Inflation) में राहत मिली है और यह तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, क्रूड पेट्रोलियम, और प्राकृतिक गैस की कीमतों में कमी के कारण हुई है।

मुख्य बिंदु:

महंगाई दर में गिरावट:

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक महंगाई दर (WPI) घटकर 0.27% पर आ गई, जो पिछले महीने 0.73% थी। यह लगातार सुधार का संकेत है।

ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र:

ईंधन और बिजली श्रेणी की महंगाई में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

इससे लागत कम होने की उम्मीद है, जो आगे चलकर कॉरपोरेट सेक्टर के लिए राहत ला सकती है।

खाद्य महंगाई में सुधार:

खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी राहत देखने को मिली, जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है​

प्राइमरी आर्टिकल्स:

इमरी आर्टिकल्स (कृषि और अन्य वस्तुएं) की कीमतों में भी गिरावट हुई है।

पिछले महीनों का ट्रेंड:

अप्रैल और मई में WPI महंगाई निगेटिव में थी। गिरावट का यह सिलसिला तीसरे महीने भी जारी रहा है, जो आर्थिक संतुलन के लिए सकारात्मक संकेत है।

क्या है WPI Inflation?

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) उन वस्तुओं के मूल्यों को मापता है जो थोक बाजार में बेची जाती हैं। यह खुदरा महंगाई (CPI) से अलग है क्योंकि यह उपभोक्ता स्तर पर कीमतों को कवर नहीं करता।

असर और भविष्य की उम्मीदें:

महंगाई दर में इस सुधार से उत्पादन लागत घटने की संभावना है। इससे आगे जाकर खुदरा महंगाई (CPI) पर भी असर देखने को मिल सकता है, जिससे जनता को और राहत मिल सकती है​

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *