“दरभंगा: सरस्वती पूजा पर डीजे पर रोक, गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य”

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दरभंगा जिले में सरस्वती पूजा के अवसर पर प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पूजा के दौरान डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, और आयोजकों को सभी नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है।

प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस:

  1. डीजे और लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध:
    • सरस्वती पूजा के दौरान डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।
    • लाउडस्पीकर का उपयोग केवल तय सीमा (60 डेसिबल) तक ही किया जा सकता है।
  2. आयोजन की अनुमति:
    • सभी पूजा समितियों को पहले से प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
    • बिना अनुमति के कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता।
  3. सड़क पर जुलूस की मनाही:
    • पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के लिए सड़क पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी।
    • विसर्जन के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों का ही उपयोग करना होगा।
  4. सुरक्षा व्यवस्था:
    • हर पूजा स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
    • पुलिस और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

डीजे पर प्रतिबंध का कारण:

  • शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना:
    • डीजे और लाउडस्पीकर से होने वाले शोरगुल से आम जनता को परेशानी होती है।
    • धार्मिक आयोजन में शांति और अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है।
  • छात्रों की परीक्षा:
    • सरस्वती पूजा के दौरान कई छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं।
    • डीजे के शोर से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।

नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई:

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

  • जुर्माना: गाइडलाइंस तोड़ने वाले आयोजकों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
  • कानूनी कार्रवाई: जरूरत पड़ने पर आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

  • कई लोगों ने डीजे पर प्रतिबंध का स्वागत किया है और इसे शांति और अनुशासन बनाए रखने का सही कदम बताया है।
  • वहीं, कुछ आयोजकों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति सीमित समय तक दी जाए।

निष्कर्ष:

सरस्वती पूजा पर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम धार्मिक आयोजनों को शांतिपूर्ण और अनुशासित बनाने के लिए जरूरी हैं। डीजे और शोरगुल पर प्रतिबंध से न केवल धार्मिक माहौल शांत रहेगा, बल्कि अन्य लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित नहीं होगी। आयोजकों को नियमों का पालन करके एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

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