‘जब हम NDA में थे…’, संजय राउत ने भाजपा के साथ पुराने दिनों को किया याद; कांग्रेस को दी सलाह

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शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन के पुराने दिनों को याद किया। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आत्ममंथन करने की नसीहत भी दी। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

MUMBAI, INDIA NOVEMBER 10: Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) leader and MP Sanjay Raut addresses the media after meeting Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar, at Silver Oak, on November 10, 2022 in Mumbai, India. Special Court (PMLA) granted him bail in a money laundering case pertaining to the Patra Chawl redevelopment project. Raut spent a hundred days in jail. Sanjay Raut and his close friend Pravin Raut, a former director in Guruashish Construction Private Limited, were arrested for alleged financial irregularities in the redevelopment of the Patra Chawl in Goregaon East. (Photo by Bhushan Koyande/Hindustan Times via Getty Images)

भाजपा के साथ गठबंधन का जिक्र

संजय राउत ने कहा, “जब हम NDA में थे, तब राजनीति में एक अनुशासन और समझ थी। भाजपा के साथ हमारा गठबंधन मजबूत था और हमने राज्य और देश के विकास के लिए मिलकर काम किया।”
उन्होंने भाजपा के साथ पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय का गठबंधन विचारधारा पर आधारित था और इसमें किसी तरह की कड़वाहट नहीं थी।


कांग्रेस को दी नसीहत

संजय राउत ने कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि विपक्ष को अगर मजबूत बनना है, तो उसे “संगठित रणनीति और स्पष्ट दृष्टिकोण” के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा, “सिर्फ आलोचना करना काफी नहीं है। जनता को विश्वास दिलाने के लिए ठोस कार्यक्रम और नेतृत्व दिखाना जरूरी है।”


महागठबंधन पर सवाल

संजय राउत ने इशारों-इशारों में यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन (INDIA) को भाजपा का सामना करने के लिए बेहतर तालमेल और नीतिगत स्पष्टता की जरूरत है। उनका मानना है कि आपसी मतभेद और नेतृत्व के मुद्दे विपक्षी दलों को कमजोर कर सकते हैं।


राजनीतिक विश्लेषण

राउत के इस बयान को कई तरह से देखा जा रहा है:

  1. भाजपा को संदेश: राउत ने भाजपा के साथ पुराने रिश्तों का जिक्र कर यह दिखाने की कोशिश की कि शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी अतीत में भाजपा के साथ मिलकर काम किया है।
  2. कांग्रेस पर दबाव: राउत ने कांग्रेस से अपेक्षा जताई कि वह विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व अधिक प्रभावी तरीके से करे।
  3. विपक्षी एकता पर सवाल: राउत ने यह संकेत दिया कि विपक्षी दलों को भाजपा का सामना करने के लिए अधिक संगठित होना पड़ेगा।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

राउत के इस बयान ने विपक्षी गठबंधन (INDIA) और शिवसेना (उद्धव गुट) की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राउत के इस बयान से गठबंधन में मतभेद और बढ़ सकते हैं।

भाजपा ने राउत के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन कांग्रेस ने इसे हल्के में नहीं लिया। अब देखना होगा कि यह बयान विपक्षी गठबंधन की रणनीति को किस तरह प्रभावित करेगा।

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