Delhi Election 2025: ‘नहीं होगी जी हजूरी’, टिकट कटने के बाद छलका AAP विधायक का दर्द; कविता लिख जताई नाराजगी

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आप के टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। त्रिलोकपुरी विधायक रोहित मेहरौलिया टिकट कटने से नाराज हैं। उन्होंने पार्टी से अलग होने के संकेत दिए हैं। मेहरौलिया का कहना है कि उनकी टीम और समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें। वह उस सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं जहां से अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं।

HighLights –

  1. त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने से नाराज हैं मौजूदा विधायक।
  2. उनकी टीम चाहती है कि वह वहां से चुनाव लड़ें, जहां से अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरें-रोहित।

पूर्वी दिल्ली।Delhi Vidhan Sabha Election 2025: आप के टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष की लकीर लंबी होती जा रही है। अब त्रिलोकपुरी विधायक राेहित मेहरौलिया टिकट कटने से नाराज हैं। न होगी जी हजूरी मुझसे…यह कविता एक्स पर पोस्ट कर कम शब्दों में नाराजगी की गहरी दास्तां उन्होंने बयां की है।

उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी टीम चाहती है कि वह उस सीट से चुनाव लड़ें, जिससे आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरें

हाल ही में, AAP के कुछ प्रमुख विधायकों ने अपनी असंतुष्टि जाहिर की है, जिनमें से एक ने कविता के माध्यम से अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने अपनी कविता में पार्टी के निर्णय को लेकर खेद व्यक्त किया और यह भी कहा कि अब “जी हजूरी” का दौर खत्म हो गया है

इन बदलावों के कारण पार्टी में कुछ सीटों पर नए चेहरों की उम्मीद की जा रही है, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि पार्टी के पुराने नेता अब खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं

AAP के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में ‘बाहरियों’ पर भरोसा, अपनों का ‘काटा’ टिकट – AAP RELEASES CANDIDATES FIRST LIST

नई दिल्ली: आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. यह फेहरिस्त कई मायनों में खास है, क्योंकि आम आदमी पार्टी ने हाल ही में अन्य राजनीतिक दलों से आए नेताओं को टिकट दिया. वहीं अपने मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है. पहली लिस्ट में जिन 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया उनमें से सिर्फ पांच सीटों पर पार्टी ने अपने पुराने नेताओं पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. वहीं बाकि छह सीटों पर अन्य राजनीतिक दलों से आए प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है.

बीजेपी से विधायक रहे अनिल झा को आम आदमी पार्टी ने किराड़ी विधानसभा सीट से टिकट दिया है. यहां से मौजूदा विधायक गोविंद ऋतुराज का पार्टी ने टिकट काट दिया है. अनिल झा पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं और किराड़ी विधानसभा से दो बार विधायक रहे हैं. वहां पूर्वांचली लोगों की अच्छी खासी तादाद है. वह 17 नवंबर को बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.

ये नेता हुए ‘आप’ में शामिल: इसी तरह मटियाला विधानसभा सीट से ‘आप’ ने कांग्रेस नेता सोमेश शौकीन को टिकट दिया है. वह भी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. वहीं वीर सिंह धींगान जो कांग्रेस के मजबूत नेता थे. आम आदमी पार्टी में वह चंद दिन पहले ही वह शामिल हुए हैं. पार्टी ने उन्हें सीमापुरी विधानसभा सीट से टिकट दिया है. सीमापुरी से आम आदमी पार्टी के विधायक व मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम का टिकट काटकर पार्टी ने वीर सिंह धींगन को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी का साथ छोड़कर हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए ब्रह्म सिंह तंवर को छतरपुर विधानसभा सीट से पार्टी ने टिकट दिया है. आप विधायक रहे करतार सिंह तंवर ने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘आप’ का साथ छोड़ा था. अब ब्रह्म सिंह तंवर यहां से चुनाव लड़ेंगे.

पूर्व बसपा नेता को बनाया गया उम्मीदवार: 

उनके अलावा बीजेपी से पार्षद रहे बीबी त्यागी को आम आदमी पार्टी ने लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. वहीं रोहतास नगर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने अपने पूर्व विधायक सरिता सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वह पिछले चुनाव में कुछ वोटों से हार गई थीं. उधर बदरपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने पूर्व बसपा नेता राम सिंह नेताजी को उम्मीदवार बनाया है.

वीरेंद्र सचदेवा ने कसा तंज: इसपर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पहली सूची में अरविंद केजरीवाल ने अपना नाम जारी नहीं कर दूसरी पार्टी से आए प्यादों की नाम की सूची जारी की है. इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि अरविंद केजरीवाल समझ गए हैं कि अब उनकी दिल्ली से विदाई तय है और शीघ्र होगी. वहीं दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि जब किसी पार्टी को अपने पहले 11 में 6 सीटों पर चुनाव के लिए प्रत्याशी बाहरी घोषित करने पड़ें, खुद पार्टी अध्यक्ष अथवा किसी वरिष्ठ नेता या मंत्री को टिकट ना मिले तो समझ लीजिए उस पार्टी के नेतृत्व को एंटी इनकमबेंसी समझ आ गई है.

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