South Korea: इमरजेंसी लगाने वाले राष्ट्रपति की बढ़ी मुश्किलें

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दक्षिण कोरिया में राजनीतिक संकट गहरा गया है, जब राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया है। यह कदम उनके द्वारा घोषित मार्शल लॉ के विवादित फैसले के बाद उठाया गया। विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

मार्शल लॉ के तहत संसद और मीडिया पर नियंत्रण लगाने की कोशिशों ने भारी विरोध उत्पन्न किया। महाभियोग प्रक्रिया के बीच अब देश की कमान प्रधानमंत्री हान डक-सू के हाथ में आ गई है, जो अंतरिम रूप से राष्ट्रपति के अधिकारों का निर्वहन करेंगे​

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संसद में पास हो चुका है। यह निर्णय उनके विवादित मार्शल लॉ के फैसले के बाद आया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर लोकतंत्र पर नियंत्रण की कोशिश की। संसद में हुई झड़प और व्यापक विरोध के चलते उनकी स्थिति कमजोर हुई। अब प्रधानमंत्री हान डक-सू को अंतरिम रूप से देश की बागडोर सौंप दी गई है, जबकि महाभियोग प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक अहम मोड़ है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल का महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद अब उनकी कुर्सी खतरे में है। विवादित मार्शल लॉ घोषणा के कारण उन्हें संसद और जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और महाभियोग प्रस्ताव लाया, जो संसद में पास हो गया। इस बीच, अंतरिम नेतृत्व प्रधानमंत्री हान डक-सू संभालेंगे। आगे की कार्रवाई में महाभियोग प्रक्रिया अदालत के समक्ष जाएगी, जो राष्ट्रपति के भविष्य का फैसला करेगी।

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