“बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: 19 साल के सैम कोंस्टास को मिला मौका, ऑस्ट्रेलियाई टीम में दो बड़े बदलाव”
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने भारत के खिलाफ चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शेष दो टेस्ट मैचों के लिए अपने स्क्वॉड में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सलामी बल्लेबाज नाथन मैकस्वीनी को टीम से बाहर कर दिया गया है, और उनकी जगह 19 वर्षीय सैम कोंस्टास को शामिल किया गया है।
सैम कोंस्टास कौन हैं?
सैम कोंस्टास एक उभरते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने 11 प्रथम श्रेणी मैचों में 42.23 की औसत से 718 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक शामिल हैं। हाल ही में, उन्होंने भारत के खिलाफ प्राइम मिनिस्टर XI की ओर से खेलते हुए 97 गेंदों पर 107 रनों की शानदार पारी खेली थी। इसके अलावा, बिग बैश लीग (BBL) में सिडनी थंडर की ओर से डेब्यू करते हुए उन्होंने 20 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा, जिससे उनकी आक्रामक बल्लेबाजी क्षमता स्पष्ट होती है।
अन्य बदलाव:
तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के चोटिल होने के कारण, उनकी जगह झाय रिचर्डसन को टीम में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, सीन एबॉट और ब्यू वेबस्टर को भी स्क्वॉड में जगह मिली है, जिससे टीम की गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती मिलेगी।
आगामी मैच:
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेला जाएगा, जिसे बॉक्सिंग डे टेस्ट के रूप में जाना जाता है। सैम कोंस्टास के चयन से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है, और यदि वे डेब्यू करते हैं, तो वे पिछले 70 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया की ओर से डेब्यू करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन जाएंगे।
ऑस्ट्रेलियाई टीम में दो बदलाव:
- 19 वर्षीय बल्लेबाज सैम कोंस्टास को टीम में शामिल किया गया।
- तेज गेंदबाज झाय रिचर्डसन को जोश हेजलवुड की जगह मौका मिला।
सैम कोंस्टास का प्रदर्शन:
- 11 प्रथम श्रेणी मैचों में 42.23 की औसत से 718 रन (2 शतक)।
- बिग बैश लीग (BBL) में 20 गेंदों पर तेजतर्रार अर्धशतक बनाया।
- प्राइम मिनिस्टर XI की ओर से भारत के खिलाफ 107 रन बनाए।
शेष मैच:
- अगला मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेला जाएगा।
- सैम कोंस्टास के डेब्यू करने पर वे ऑस्ट्रेलिया के लिए पिछले 70 सालों में सबसे युवा खिलाड़ी बनेंगे।
इन बदलावों के साथ, ऑस्ट्रेलियाई टीम शेष मैचों में मजबूत प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी, जबकि भारतीय टीम अपनी बढ़त को बरकरार रखने का प्रयास करेगी।