“राहुल गांधी का आरोप: ‘निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार अपमान, केंद्र ने नहीं दिया सम्मान'”
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार पर उठे विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मनमोहन सिंह को वह सम्मान नहीं दिया, जिसका वह हकदार थे। राहुल गांधी ने इसे “अपमान” करार दिया और केंद्र पर निशाना साधा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार पर उठे विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मनमोहन सिंह को वह सम्मान नहीं दिया, जिसका वह हकदार थे। राहुल गांधी ने इसे “अपमान” करार दिया और केंद्र पर निशाना साधा।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि, “मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया, जो कि उनके सम्मान के खिलाफ था। वे एक पूर्व प्रधानमंत्री थे और उनका इस प्रकार अपमान करना गलत था। यह उनकी कड़ी सेवा का अपमान है, जो उन्होंने देश के लिए की थी।”
राहुल ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह जैसे महान नेता को सही सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें वह नहीं दिया जो उनका हक था।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया है, लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज किया। सरकार ने कहा कि मनमोहन सिंह को हर सम्मान दिया गया था और उनका अंतिम संस्कार पूरी गरिमा और शांति से किया गया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया और कहा कि इस मुद्दे को राजनीति का हिस्सा बनाना उचित नहीं है।
मनमोहन सिंह का योगदान
मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के सबसे सम्मानित और अनुभवी नेताओं में से एक थे। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक रहा। आर्थिक सुधारों, विदेशी नीतियों और देश की स्थिरता के लिए उनकी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी विनम्रता, ईमानदारी और ज्ञान ने उन्हें देशभर में सम्मान दिलाया था।
कांग्रेस और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि यदि मनमोहन सिंह जैसे नेताओं को सम्मान नहीं मिलेगा, तो अन्य नेताओं को क्या मिलेगा? इसके अलावा, कई विपक्षी नेताओं ने इस पर चिंता जताई कि एक पूर्व प्रधानमंत्री को इतना अपमानित किया गया।
निष्कर्ष
मनमोहन सिंह का निधन न केवल एक राजनीतिक क्षति थी, बल्कि उनके अंतिम संस्कार पर उठे विवाद ने उनके समर्थकों को भी गहरे शोक में डाल दिया। इस विवाद ने एक बार फिर से राजनीतिक सम्मान, गरिमा और इतिहास के महत्व को उजागर किया है। क्या मनमोहन सिंह को सही सम्मान दिया गया, यह सवाल अब राजनीति के एक और अहम मुद्दे के रूप में उभर रहा है।