सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को शराबबंदी कानून को लेकर फटकार लगाई है।

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को शराबबंदी कानून को लेकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य में शराबबंदी के तहत गिरफ्तार आरोपियों की बढ़ती संख्या और न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति पर नाराजगी जताई। न्यायालय ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक शराबबंदी मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों और बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक सभी आरोपितों को जमानत क्यों न दे दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए बिहार सरकार पर तंज कसा कि “आपके कानून से अदालतें सिर्फ जमानत के मामलों में उलझ गई हैं”, जिससे अन्य मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पटना हाईकोर्ट में रोजाना 14-15 जज शराबबंदी के मामलों को निपटाने में व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण अन्य मामलों की सुनवाई लंबित हो रही है।

इसके अलावा, न्यायालय ने बिहार सरकार से सवाल किया कि विशेष अदालतों की स्थापना में इतनी देरी क्यों हो रही है और सरकारी भवनों का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बुनियादी ढांचा तैयार नहीं किया गया, तो सभी आरोपियों को जमानत देनी पड़ सकती है​

इस पूरे मामले ने एक बार फिर से बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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